बचपन पूरा शहर में बीत गया पर सब कुछ धुंधला धुंधला सा है, गाँव जाना तो हमारा सिर्फ गर बचपन पूरा शहर में बीत गया पर सब कुछ धुंधला धुंधला सा है, गाँव जाना तो हमार...
करते पब्लिक का काम तमाम। कितना बदल गया इंसान। करते पब्लिक का काम तमाम। कितना बदल गया इंसान।
वक्त के साथ बदल गया है मनोरंजन के माध्यम , ना जाने आगे और क्या क्या बदलेगा ...? वक्त के साथ बदल गया है मनोरंजन के माध्यम , ना जाने आगे और क्या क्या बदलेग...
मानो लूट का माल बहार नहीं जाने देना है कोई सर उठाये तो बस सर कलम कर देना है। मानो लूट का माल बहार नहीं जाने देना है कोई सर उठाये तो बस सर कलम कर देना है।
कल गया, कल की तरह कल गया, कल की तरह
एक मासूमियत थी, जो कुछ तो अलग थी पर साथ थी शरारतें, और बहुत सी बदमाशियाँ। खो गयी एक मासूमियत थी, जो कुछ तो अलग थी पर साथ थी शरारतें, और बहुत सी बदमाशिया...