बदल गया अब गांव बदल गया इंसान डिग्रियां बिकती लुटे सरेआम वक्त मनोरंजन स्मार्टफोन हिंदी कविता hindikavita कल आज और कल बेटा जीत गया कल गया कलकीतरह बचपन खो

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